में मो. मिनहाज मेरी संघर्ष की कहानी

बिहार राज्य मे 2003 में एक शिक्षा मित्र पद के नाम से 11 महीने के लिए बहाल हुए थे और 33 महीने के लिए सरकार सिर्फ हम लोगों को लगभग बिहार में एक लाख दस हजार लोग ही थे  फिर हम लोग एक संघ बनाये शिक्षा मित्र संघ फिर हम लोगों ने आंदोलन करना शुरू किया हम लोगो का 33 महिना पूरने से पहले हम लोग एक बड़ा आंदोलन बिहार के राजधानी पटना  में कीए उस आंदोलन में एक महिला की जान चले गई थी 2005 का इस्वी था सरकार को उस आंदोलन में झुकना परा था और हम लोग एक लाख दस हजार शिक्षा मित्र को 33 महिना के जगह पर 60 साल तक उम्र तक के लिए और 1500 सौ रुपया के जगह 4000 रुपया महिना वेतन के रूप में करने के लिए सरकार को हम लोग आंदोलन कर मजबूर कर दीए थे और जिंदगी का पहला सीडी पार कर लिए थे  फिर सरकार 2006 में और 2007 लग भग 2 लाख शिक्षकों की बहाली सरकार ने और कर दिया था उसी 4000 हजार वेतन पर और 60 साल के लिए फिर हम लोग एक से तीन लाख की संख्या हो गए थे फिर से एक बार तीन लाख शिक्षकों ने मिलकर आंदोलन किया फिर सरकार एक बार झुकी और 4 हजार से बड़ा कर वेतन 9 हजार कर दिया गया था फिर सरकार एक लाख  शिक्षकों का बहाली 2008 और 9 और 10 में बहाल किया हम लोग फिर से 4 लाख शिक्षकों ने मिलकर एक बार जोड़दार आंदोलन 2015 में खड़ा किया जिस में बिहार के 75 हजार स्कूलों में ताला बन्द हरताल कर दीए और हरताल थोड़ा लम्बी चली और उस आंदोलन को करने के चलते मुझे जेल भी जाना पडा  था और मुझे सरकार के दुवारा जेल में डालने से आंदोलन और भी तेज होने लगा हमारे लिए 4 लाख शिक्षकों ने सड़क पर उतर गए सभी नेता का घेराव करने लगे और सरकार  को  मुझे छोरना पड़ा शिक्षकों ने सरकार का नाक में दम कर दिया गया था 2015 का ताला बन्दी हरताल में सरकार घोसना करने में मजबूर हो गया वेतनमान देने की बात पर हरताल को खत्म कर दिया गया लेकिन सरकार उस के बाद भी एक नया चाइनीज वेतनमान देकर ठगने का काम किया फिर हम सभी शिक्षकों का वेतन लगभग 18 से 20 हजार तक पहुँच गया था फिर जैसे जैसे बिहार में चुनाव आता देख हम लोग आंदोलन करते आ रहे है इसी बीच अभी कुछ दिन पहले 11 जुलाई को पटना में सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था जिस में हजारों शिक्षकों पर सरकार कार्यवाही कर दिया है फिर से सरकार वादा कर के वादा खिलाफ़ी कर रहा है अब हम लोगों की एक ही मांग है हमको सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाए और अगर सरकार हम लोगों को सरकारी कर्मी का दर्जा नही दिया तो बिहार में अभी लोक सभा में सरकार को नुकसान होगा अगले साल बिहार विधान सभा का चुनाव है उस में साफ कर दिया जायेगा हम लोग 5 लाख शिक्षकों के पास दस दस वोट है टोटल पचास लाख वोट है सरकार को झटका दे सकते है अभी हम लोगो का आंदोलन फिर से होने जा रहा है बिहार में हम शिक्षकों का सिर्फ एक ही मांग है की हम लोगो ने 20 साल से सरकारी स्कूल में पड़ाई करवाते है और कम पैसे में अब सरकार हम लोगो को सरकारी कर्मी का दर्जा दे नही तो   फिर से हम लोग बहुत बड़ी आंदोनल खड़ा करेंगे 2024 में सरकार को हाफ कर देंगे और 2025 सरकार को साफ कर देंगे 

सरकार विधान सभा चूनाव में लिखित वादा किया था की हम लोगों से की सरकार बनी तो सरकारी कर देंगे लेकिन नही किया तो 5 साल वादा खिलाफ़ी  कर लिया है अब चुनाव सामने है सबक सिखायेंगे समय रहते सरकार सरकारी कर्मी का दर्जा दे दें नही तो सुफ़रा साफ कर दिया जायेगा 

 

में मो. मिन्हाज 

प्रदेश  उपाध्यक्ष 

बिहार पंचायत नगर प्रारम्भिक शिक्षक संघ 

बिहार प्रदेश